राँची। योग फाॅर लिबरेशन’ अपने स्थापना काल के तीसरे वर्ष में प्रविष्ट हो चुका है यानि इसने अपने उद्देश्य-प्राप्ति के दो वर्ष सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है। इस अवसर पर फोरम की ओर से 14,15,16 और 17 अप्रैल 2022 को चार दिवसीय ‘योग महोत्सव’ का आयोजन किया गया है जिसका विधिवत् शुभारम्भ शंखध्वनि के साथ दिनांक 14 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त्त में प्रातः पाॅंच बजने के ठीक पाॅंच मिनट पूर्व दीप-प्रज्ज्वलन और गुरुदेव श्री श्री आनन्दमूर्त्ति जी के प्रतिकृति पर माल्यार्पण के साथ आनलाइन ‘जूम’ पर इसके निर्देशक आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत के द्वारा किया जाएगा । इसके उपरान्त आनलाइन उपस्थित सभी साधक ठीक पाॅंच बजे ‘पाञ्चजन्य’ में शामिल होंगे। आनलाइन योग महोत्सव के शुभारम्भ पर्व पर कार्यक्रमों की संक्षिप्त जानकारी देते हुए योग शिक्षिका व्यंजना आनन्द ने कहा कि चार दिनों में प्रतिदिन पाञ्चजन्य और योगाभ्यास का कार्यक्रम चलता रहेगा साथ ही निर्धारित व्यवस्था के अनुसार बच्चों और महिलाओं के लिये अलग अलग कौशिकी नृत्य प्रतियोगिता तथा पुरुषों के लिये ताण्डव प्रतियोगिता होगी। कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर क्लासेज होंगी। ‘फीडबैक सेशन’ अत्यन्त महत्वपूर्ण होगा। रविवार (17अप्रैल) को ‘धर्मचक्र’ के उपरान्त प्रभात संगीत पर आधारित गायन और नृत्य के साथ महोत्सव का समापन होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भारत तथा अन्य देशों से भी लोग जुड़ेंगे। यह विदित हो कि ‘योग फाॅर लिबरेशन’ योगाभ्यास का एक आनलाइन कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत 29.03.2020 को आनन्द मार्ग के संन्यासी (पूर्णकालिक कार्यकर्त्ता) आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत ने कुछ साधकों की सहायता से नई दिल्ली से की थी। उद्देश्य था ‘कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण काल में लाॅकडाउन के दौरान मार्गी साधकों को नियमित योगाभ्यास में प्रवृत्त करना तथा आनन्दमार्ग के बहुआयामी दार्शनिक व आदर्शगत पक्षों की यथायथ विवेचना के द्वारा उनके धूमिल ज्ञान को स्पष्ट दिशानिर्देश करना’। लाॅकडाउन का ऐसा उपयुक्त अवसर था कि सभी अपने अपने घरों में कैद थे। टीवी दिन रात संक्रमण के दहशत भरी आंकड़ों और दृश्यों को दर्शा रहा था। ऐसे कठिन परिस्थितियों में जीवन की अनिश्चितताओं, नौकरी और पैसों की चिन्ताओं के बीच मार्गी समाज ‘रोटेशनल कीर्त्तन’ तो शुरू कर चुके थे किन्तु साधक होने के नाते उन्हें अवश्य आचरणीय नियमों की अहमियत समझाने का शायद इससे अच्छा मौका कभी नहीं मिलता। मार्गियों को इस कार्यक्रम की सूचना मिलते ही इसे ज्वाइन करना शुरू कर दिये। प्रातः 6.30 बजे का समय सबों को उचित लगा जो 8.00बजे तक चलता रहा। आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत ने परम गुरुदेव श्री श्री आनन्दमूर्त्ति जी के द्वारा साधकों के लिये बताये हुये अष्टांग योग की पूरी प्रक्रिया विशेष रूप से यम और नियम के दस सिद्धान्त, श्वसन क्रिया, योगासन, मुद्रा, बन्द, स्वास्थ्य प्राणायाम, कौशिकी, ताण्डव, बाॅडी मसाज, शवासन आदि की एक समन्वित प्रक्रिया को सूत्रबद्ध करके एक अनुशासित कार्यक्रम का रूप दे दिया। इसके साथ ही कठिन परिश्रम के उपरान्त आनन्द मार्ग के अन्य दार्शनिक पक्षों की विवेचना की जिसमें मन, कोष, लोक, जीवन, मृत्यु, चक्र, वृत्तियां, जैव-मनोविज्ञान, विभिन्न व्याधियों का यौगिक चिकित्सा व योगासन, शिव तत्त्व, कृष्ण तत्त्व, प्रउत दर्शन आदि पर विस्तार से वर्ग देते रहे जो महीनों चलता रहा। इस के द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों की उपादेयता लोगों को इतनी पसन्द आयी कि उनके मन से कोविड-19 की विभीषिका से उपजे भयावहता बिल्कुल खत्म हो गयी और इस कार्यक्रम में शामिल लोग कोरोना संक्रमण के शिकार होने से बच गये। यह विदित हो कि 2020 और 2021 में कोरोना के कई लहर आती और गई किन्तु ‘योग फाॅर लिबरेशन’ का कार्यक्रम अबाध गति से प्रतिदिन प्रातः निर्धारित समय (6.00 से 7.15 बजे) से चलता रहा और सैंकड़ों आनन्दमार्गी और अन्य शुभचिंतक, जो इसमें शामिल हुये, अनेक प्रकार से लाभान्वित हुये। परिणाम यह हुआ कि कुछ लोगों ने अपने आप को योगाभ्यास में इस प्रकार प्रशिक्षित कर लिया कि वे औरों का भी मार्गदर्शन कर रहे हैं। ‘आनन्द मार्ग योगाश्रयी दिनचर्या’ का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। इस फोरम के सदस्यों ने बाद में “ए म योग फाॅर लिबरेशन” नामक एक यूट्यूब चैनल बनाया जिसमें अनेक विषयों पर आवश्यक सामग्री का विडियो बनाकर अपलोड किया है जिसका लाभ कोई भी इच्छुक व्यक्ति उठा सकते हैं। इसी नाम से बने इसके ‘फेसबुक पेज’ को भी आप देख सकते हैं।’योग फाॅर लिबरेशन’ को आगे बढ़ाने में ई. सुदर्शन राव, सीनी; ई. विवेक वार्शने, नोएडा; डॉ. सी एन लब्बा, सोलापुर; व्यंजना आनन्द (मिथ्या), बेतिया; पंकज बजाज, देहरादून; राजेन्द्र यादव, टाटानगर; विजया मोरे, सोलापुर; इन्द्राणी, सोलापुर, अश्विनी जाधव, सोलापुर; डॉ. गीता व संजय चतुर्वेदी, कोटा(राजस्थान); रत्नेश व पूनम श्रीवास्तव, फरीदाबाद; मीरा सिंह, नई दिल्ली; पूनम वर्मा, नवी मुंबई; इन्द्रदेव मण्डल व सुजाता देवी, भागलपुर; जयन्त देव, सिंगरौली; डॉ कांबले, सोलापुर; डॉ. आशा गोपालकृष्णन, एर्णाकुलम (केरल); ध्यानेश्वर प्रसाद आदि की अत्यन्त अहम भूमिका रही। फोरम के द्वारा प्रतिदिन पञ्चजन्य, योगाभ्यास, कौशिकी नृत्य (सिर्फ महिलाओं के लिये) साप्ताहिक धर्मचक्र (प्रत्येक रविवार) और रात्रि-प्रवचन सत्र सफलतापूर्वक सञ्चालित किया जा रहा है। विशेष जानकारी के लिये इच्छुक व्यक्ति 9953949754, 70700 48651,
94926 09206 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
व्यंजना आनंद