स्थानीय लोगो एवं कार्यक्रताओं को लेकर बोरे- बासी के साथ वार्ड दौरा कर जनता से हुए रूबरू और कहा रोज चलेगा बोरे-बासी का कार्यक्रम-विकास उपाध्याय
रायपुर (अमर स्तम्भ)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक मई मजदूर दिवस के रूप में बोरे- बासी की घोषणा कर छत्तीसगढ़ की सभ्यता और संस्कृति को जीवित करने का काम किये है।जिस बोरे-बासी को लोग भूल गए थे आज उसे पुनः स्थापित करने का काम किये है।
विधायक विकास उपाध्याय ने सोनिया गांधी जनसम्पर्क यात्रा के द्वारा विभिन्न वार्डो में दौरा कर रहे है।आज कोटा एवं रायपुरा में दौरा कर स्थानीय लोगो एवं कार्यकर्ताओ को लेकर बोरे-बासी के साथ वार्ड दौरे की किये शुरुवात।संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय ने बताया कि सोनिया गांधी जनसम्पर्क यात्रा लगातार चल रही है इसके साथ ही में स्वयं सब कार्यकर्ता एवं स्थानीय लोगो के साथ दौरा करेंगे इस बोरे-बासी का कार्यक्रम रायपुरा एवं कोटा में किया गया।बोरे-बासी का श्यामा चरण की समाधि को हाथ जोड़ बोरे-बासी का लिया।बोरे-बासी हमारी संस्कृति और सभ्यता की धरोहर है पहचान है।विधायक विकास उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़े हुए है और उसी संस्कृति को जीवित रखने मजदूर दिवस के दिन मई माह को बोरे- बासी के नाम कर दिए।बोरे-बासी सेहत के लिए अमृत-तुल्य है इससे ब्लडप्रेशर, शुगर,एनिमिक एवं अन्य प्रकार की बीमारी नही होती।शरीर को पानी बराबर मिलता है।बोरे-बासी में वाटर सॉल्युबल विटामिन पाए जाते ये जो गर्मी से बचाव कर डीहयड्रेशन दूर करने का काम करते है।
हम सब शहर में रहते है पर हमें अपने गांव की, अपनी संस्कृति और सभ्यता का ध्यान स्वयं रखना होगा सोनिया गांधी जनसम्पर्क यात्रा के दौरान कोटा एवं रायपुरा में पानी की समस्या दूर कर समाधान किया गया।