दोहे
1 झंडा लेकर हाथ में, चलते वीर जवान।
भारत माँ का ही सदा,करते हैं गुणगान।।
2 जीत पताका देखकर,पुलकित मन का मोर।
जय निनाद से भर गया, सरहद का हर छोर।।
3 भारत माँ की गोद में, काट रखे वह शीश।
प्रहरी मेरे देश का, लगता मुझको ईश।।
4 कर्म राह पर चल पड़े, अपना सीना तान।
वीर लड़ाका देश के, हैं भारत की शान।।
5 विजय ध्वजा लहरा रही, भरती है उत्साह।
अधर सजा मुस्कान वे, सैनिक चलते राह।।
प्रीति चौधरी”मनोरमा”
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश
मौलिक एवं अप्रकाशित।