– हर साल 55000 से ज्यादा high-skilled जवान आर्मी, एयरफोर्स या नेवी से रिटायर होते हैं. इसमें से 1 या 2% लोगों को ही नौकरी मिलती है. 4 साल बाद जब अग्निवीर सिविल में जाएगा तो उसे किस तरीके से नौकरी मिलेगी. यह सरकार नहीं समझा पाई है. एक बेहतर जवान को आर्मी में तैयार होने में 7-8 साल लग जाते हैं. ऐसे में जो अग्निवीर हैं जिनको 6 महीने की सिर्फ ट्रेनिंग दी जाएगी. वह कैसे बेहतर सैनिक बन पाएगा। सेना में दक्षता, हौसला, हिम्मत और उत्साह चाहिए. एक बेहतर जवान 7 से 8 साल में तैयार होता है. जुनून की कमी:- इतिहास गवाह है कि जब तक हमारी फौजें कमजोर थीं, हमारे ऊपर हमले होते रहे. आजादी के बाद हमने 5 लड़ाइयां लड़ी हैं. चीन से इसलिए हारे क्योंकि सरकार की पॉलिसी वैसी थी. बाकी सारी लड़ाइयां हम जीते. हमारे हथियार कमजोर थे लेकिन जवान मजबूत और हौसले वाले थे.फौज के जवानों में आज जो जज्बा और जुनून होता है. भारत के साथ पाकिस्तान और चीन के दो बड़े बॉर्डर हैं. देश की एक इंच जमीन के लिए भी हमारे जवान अपनी जान की बाजी लगा देते हैं. इसे सिर्फ ट्रेंड जवानों से ही कवर किया जा सकता है. क्या 4 साल के लिए आया जवान ये काम करेगा?
मनोबल गिरेगा:- हमारे जवानों ने 1947, 1965 और कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाई है. 1962 में चीन से चप्पल पहनकर लड़े हैं. अब सरकार ये कदम सेना के मनोबल को गिराने वाला है. उन्होंने कहा कि देश में एक IAS लॉबी है, जो हमेशा से ही सेना से चिढ़ती रही है. कई लोग मिलिट्री कैंटीन और हॉस्पिटल बंद कराना चाहते हैं. अब सरकार इन लोगों के बहकावे में आ गई है.भारतीय मिलिट्री में शामिल होने के लिए केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्कीम की शुरुआत की है. चार साल के लिए युवाओं को तीनों सेनाओं में भर्ती होने का मौका मिलेगा. लेकिन अग्निपथ देश और युवाओं के लिए कितना नुकसानदेह है।
डॉ शिवम् गुप्ता
चिकित्सक
मेडिकल कॉलेज कानपुर