संदीप यादव पत्रकार
आजमगढ़ (दैनिक अमर स्तम्भ) अम्बारी। फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के अम्बारी स्थित जनता इंटर कालेज हाजीपुर के पास पति पत्नी की हत्या के फेंकी गयी लाश मिली है।शव देख लोगो मे हड़कम्प मच गया।सूचना पाकर पुलिस मौके पहुंच गयी।हत्या को लेकर लोग आक्रोशित हो गये। जिससे पुलिस के हाथ पैर फूल गये।
मृतक अहरौला थाना के पारा गांव निवासी इन्द्रपाल 45 वर्ष पुत्र राम लगन मौर्य एवं शकुंतला मौर्य 42 पत्नी इंद्रपाल की लाश गुरुवार को 12 बजे फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के अम्बारी स्थित जनता इंटर कालेज हाजीपुर के मिला है।यह पारा ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान भी रह चुके है। इनकी फुलवरिया बाजार में कास्टमेटिक की दुकान है।फॉरेन्सिक टीम द्वारा जांच पड़ताल किया गया। पुलिस पति पत्नी के शव को पोस्टमार्टम में भेजने की तैयारी में जुटी हुई है।बता दे कि प्रदीप कुमार मौर्या पुत्र बाबूराम मौर्या के द्वारा अहरौला थाना में अपने चाचा इंद्रपाल मौर्य और उनकी पत्नी शकुंतला मौर्य को बीते मंगलवार को शाहगंज जौनपुर से दवा लेकर घर आते समय रास्ते में उन्हें बंधक बना कर अपहरण करने का आरोप लगाकर तहरीर दी गई थी।दवा लेकर करीब 3:00 बजे ही शाहगंज से घर के लिए निकल गए थे।लेकिन अपने घर नही पहुंचे जब देर शाम तक घर वापस नहीं लौटे तो परिजन उनके मोबाइल पर फोन लगाने लगे परिजनों का कहना है करीब 8:47 रात में उनका फोन उठा और बोले कि मैं बहुत मुसीबत में हूं और फोन उधर से कट कर दिया गया जिसके बाद परिवार के लोग पूरी तरह से सकते में आ गये।तलाश करने इनका पता नहीं चला।
बुधवार सुबह को प्रदीप कुमार मौर्य के द्वारा अहरौला थाना में तहरीर दी गई तहरीर के अनुसार इंद्रपाल मौर्या के द्वारा पखनपुर गांव में कुछ जमीन बैनामा ली गई थी।जहां एक हफ्ता पहले कब्जा लेने के दौरान बैनामाकर्ता के परिजनों ने 10 लाख रुपए की मांग की थी।और पैसा देने पर ही जमीन पर कब्जा करने की बात कही गई थी।प्रदीप कुमार मौर्य के द्वारा बैनामा करता दो लोगों के खिलाफ थाने में नामजद तहरीर दी थी।परिजनों का कहना है पहले तो अहरौला पुलिस मामले को टालती रही और 24 घंटा बाद कार्रवाई करने की बात कह रही थी।लेकिन जब पुलिस के द्वारा कार्रवाई न होते देखी गई।तो हम लोगों ने सीधे आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक अनुराग को फोन कर मामले से अवगत कराया।जिसमें एसपी आजमगढ़ के निर्देश पर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश मार्कण्डेय सिंह एवं नगीना सिंह पर अहरौला थाना द्वारा दर्ज किया गया। वही परिजनों का आरोप है कि उसी समय अगर अहरौला पुलिस सक्रिय हो जाती तो यह हत्या नही होती। परिजनों में कोहराम मच गया है।