हरदीप छाबड़ा,
राजनांदगांव(अमर स्तम्भ)-नगर पालिक निगम के नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने बयान जारी कर जनचौपाल में मिली शिकायतों को लेकर महापौर को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहाकि, बीते दो वर्षों से निगम सीमा क्षेत्र में मूलभूत समस्याओं, निर्माण कार्यों में लापरवाही, प्रधानमंत्री आवास योजना की अटकी हुई किश्तों को लेकर शिकवा-शिकायतों पर कभी ध्यान ही नहीं दिया गया। महापौर श्रीमती हेमा देशमुख के कार्यकाल में निगम की जमीनी कार्रवाई और प्रयास शुन्य हैं। इसे साबित करने के लिए यही आंकड़े काफी है कि 49 वार्डों में जनचौपाल के माध्यम से 5हजार 327 लोगों ने अव्यवस्था और विभिन्न विषयों पर शिकायत दर्ज कराई है।
नेता प्रतिपक्ष यदु ने कहा कि, जनचौपाल के आयोजन ने महापौर को ही आईना दिखा दिया है। इतनी अधिक शिकायतें मिलने के बाद उन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए। विपक्ष बीते दो वर्षों से निगम सीमा क्षेत्र में बरती जा रही लापरवाहियों और अनियमितताओं को लेकर आवाज उठा रहा है। लेकिन सत्तासीन सियायतदान अपने ही सुख-सुविधाओं तक सीमटे हुए हैं। धरातल पर किसी तरह का काम हुआ ही नहीं है। लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं हो रही है।
उन्होंने महापौर के बयान पर कहा कि, उन्होंने जनचौपाल के शुरुआत पर दावा किया था कि प्राप्त शिकायतों का दो दिनों के भीतर निपटारा किया जाएगा। महापौर अब शिकायतों पर की गई कार्रवाई की आंकड़ा जारी कर बताएं कि आखिर उनके दावे कितने सही है। यदु ने कहा कि, जनचौपाल महज सत्ताधीशों की फोटो खिंचवाने का माध्यम बनकर रह गया। जिन वार्डों में चौपाल का आयोजन हुआ वहां दो दिनों पहले सफाई की गई, आडंबर किया गया। लेकिन दो दिनों बाद इन वार्डों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
यदु ने कहा कि, महापौर के लापरवाह रवैये के चलते निगम अमला बेपरवाह हो चला है। वार्डों में सफाई की दिक्कतें हैं, कई निर्माण अब भी अधूरे हैं, कई निर्माण कार्य तो वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी शुरु नहीं हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही किश्तों का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें निगम के चक्कर लगाने मजबूर होना पड़ा है।
महापौर उतारें राजनीतिक चश्मा
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, बीते दो वर्षों में विपक्ष ने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को हो रही असुविधा को देखते हुए कई ज्ञापन सौंपे। लगातार इस ओर महापौर, आयुक्त का ध्यान आकृष्ट करवाया गया। गैर जिम्मेदार सत्तापक्ष और निगम अमले ने कभी इस ओर गंभीर प्रयास करने की जहमत नहीं उठाई। आज जनचौपाल में सबसे ज्यादा शिकायती आवेदन पीएम आवास को लेकर ही मिले हैं। हितग्राहियों ने, स्वीकृति न मिलने, किश्तें न प्राप्त होने की शिकायतों का अंबार लगा दिया है। इस मुहिम ने साबित किया है कि विपक्ष लगातार आम जनता से जुड़े मुद्दे उठाता रहा लेकिन महापौर ने इसे जनहित के बजाए राजनीति के चश्में से देखा और नज़र अंदाज किया। अब जनता ने भी महापौर की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाएं हैं। इतनी बड़ी तादाद में मिली शिकायतें इसे साबित कर रही है।