गुलशन अंसारी तहसील संवाददाता मनेंद्रगढ़
मामला है मनेंद्रगढ़ के प.ह.न.27 का है जहां तहसीलदार मनेंद्रगढ़ के द्वारा अपने दलाल नारायण सरकार को आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से फर्जी तरीके से मनेंद्रगढ़ में स्थित भूमि खसरा क्रमांक 202 / 23 मे स्टे आदेश बिना किसी जांच के बिना किसी आधार पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जारी किया गया है
ममला इस प्रकार है कि नारायण सरकार के द्वारा एक फर्जी आवेदन देकर दूसरे की भूमि को अपना बताया गया राजस्व अभिलेखों में उक्त खसरा को गलत ढंग से दर्शित किया गया है जो कि जांच का विषय है नारायण सरकार जो कि भूमि दलाल है और राजस्व अधिकारी के साथ उसकी सांठगांठ है नारायण सरकार जो कि फर्जी तरीके से खसरा नंबर 202 /23 और 202 / 22 को पूर्व पटवारी व आर आई के द्वारा नया खसरा नंबर करके उत्पन्न किया गया है जो की जांच का विषय है फिर भी मनेंद्रगढ़ तहसीलदार इस जांच को छोड़कर बिना जांच पड़ताल के स्टे नोटिस जारी कर दिये है श्रीमती सरकार जिसने 1965 में सामूहिक भूमि को क्रय किया था उस भूमि में पैसे के हिसाब से 16 % की दावेदार थी जो जमीन होता है 5 एकड 60 डिसमिल जमीन लेकिन पूर्व आर आई पटवारी तहसीलदार एसडीएम के साथ सांठगांठ कर आज दिनांक तक 8 एकड़ 67 डिसमिल बनाया गया है जिस पर राजस्व विभाग कारवाही नहीं कर रहा हैं श्रीमती सरकार व नारायण सरकार ने फर्जी तरीके से 3 एकड़ 7 डिसमिल जमीन को अपने खाते में चढ़ा रखा है जो की जांच का विषय है लेकिन मनेंद्रगढ़ तहसीलदार राजस्व विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं देता क्योंकि सबके साथ उसकी सांठगांठ है अधिकारी सब मैनेज हो रहे हैं उनका फायदा उठाया जा रहा है नारायण सरकार व श्रीमती सरकार इसका लाभ उठा रहे हैं और जो भी भूस्वामी थे इस 35 एकड़ के पक्ष में आज सभी जमीन कम होने की वजह से परेशान है उचित कार्यवाही करके सारे भूस्वामी को जमीन वापस किया जाए यही प्रार्थना करते हैं राजस्व विभाग से है