कोरबा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक पहाड़ी कोरवा युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई । कोरबा विकासखंड के चुहिया पंचायत के गांव भटगांव से बीती रात पहाड़ी कोरवा युवक को अस्पताल लाया गया था। जिसकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। इलाज के दौरान तबीयत बिगडऩे पर युवक को अस्पताल प्रबंधन ने आईसीयू में शिफ्ट किया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी और बुधवार की शाम को उसने दम तोड़ दिया।
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने पहाड़ी कोरवा समुदाय के चुईया ग्राम पंचायत के गांव भटगांव निवासी करम सिंह कोरवा को बीती रात मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से तबीयत बिगडऩे पर उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था। मरीज की चार-पांच दिन पुरानी फीवर के हिस्ट्री भी है। फेफड़े में बुरी तरह से संक्रमण फैल गया था। डाक्टरों ने उसे बचाने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किया। मरीज को लाइफ सपोर्ट पर भी रखा, लेकिन संभवत: माइनर हार्ट अटैक की वजह से उसकी जान चली गई । फिलहाल उसकी बॉडी को मच्र्युरी में सुरक्षित रखवाया गया है।
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कोरोना रिपोर्ट मिली निगेटिव
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि वर्तमान हालात को देखते हुए पहाड़ी कोरवा मरीज का तत्काल रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया ,लेकिन यह नेगेटिव मिला। इसके बाद आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया गया। इसमें भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई।मरीज की मौत वास्तव में कैसे हुई है। यह विस्तृत जांच के बाद ही पता चल सकेगा। फिलहाल जिन परिस्थितियों में मरीज की मौत हुई है, उससे हार्ट अटैक की संभावना जताई जा रही है
मृतक की पत्नी भी अस्पताल में भर्ती
पहाड़ी कोरवा मृतक करम सिंह की उम्र लगभग 30 वर्ष है।जिसे बुखार के बाद बीती रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।मृतक के साथ अस्पताल पहुंची उसकी पत्नी भी बुखार से ग्रसित है।वर्तमान में वह भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज जारी है।
कार्रवाई के बाद बनाया गया था पहाड़ी कोरवा डेस्क
अब से लगभग 6 महीने पहले रेफरल रैकेट के फेर में फंसकर एक पहाड़ी कोरवा महिला की जान चली गई थी। सरकारी अस्पताल से मरीज को निजी अस्पताल ले जाकर पैसे ऐंठने के लिए एक रैकेट सक्रिय था।जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई भी की थी।इसके बाद से ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहाड़ी कोरवाओं के लिए प्रवेश द्वार पर एक अलग डेस्क बना हुआ है। वर्तमान मामले में भी इस डेस्क के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की बात अस्पताल प्रबंधन ने कही है।