विद्यालय की दुर्दशा और चौपट शिक्षण व्यवस्था में सुधार की बढ़ी संभावनायें

आयुक्त ने लिया संज्ञान, दिये शिक्षा अधिकारी को निर्देश

मनोज सिंह/जिला ब्यूरो

टीकमगढ़। (दैनिक अमर स्तंभ)शासकीय हाईस्कूल महाराजपुरा में चली आ रही गड़बडिय़ों को लेकर आयुक्त ने संज्ञान लिया है। जिससे यहां के हालात सुधारने की संभावनायें बढऩे लगी है। यहां स्कूल के छात्र-छात्राओं के भविष्य से जहां खिलवाड़ किये जाने के मामले सामने आए हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की लापरवाही ने समूचे शिक्षा जगत को शर्मसार कर दिया है। इस संबन्ध में आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश देते हुये पांच बिंदुओं पर जानकारी चाही है। आयुक्त के पत्र के बाद से यहां संकुल केन्द्र से लेकर विद्यालय तक स्टाफ में सुगबुगाहट तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक आयुक्त के पत्र क्रमांक 1225/ 27/ 09/ 2016 में स्पष्ट निर्देश है कि गणित, विज्ञान, अंग्रेजी के शिक्षकों को संलग्नकरण से डिप्लाईमेंट ना किए जाएं। इसके बाद भी यहां निर्देशों की धज्जियां उड़ा कर गणित के शिक्षक को अन्यत्र लगाया गया है। बताया गया है कि इसके बावजूद जिला शिक्षा केंद्र टीकमगढ़ पत्र क्रमांक 6577/14/07/ 2021 के अनुसार सीईओ जिला पंचायत के द्वारा श्रीमती संध्या नायक माध्यमिक शिक्षक गणित महाराजपुरा शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कुंडेश्वर वार्डन का प्रभार क्यों दिया गया, जबकि शैक्षणिक कार्य महाराजपुरा में किया जाना चाहिए था, जबकि महाराजपुरा से कुंडेश्वर की दूरी 5 किलोमीटर निर्धारित है। कहा गया है कि युक्त नियम विरुद्ध आदेश का नियम विरुद्ध पालन का आदेश किया जाता है, तो संबंधित कर्मचारी को संबंधित प्राचार्य से मुक्तिपथ प्राप्त करते हुए कस्तूरबा गांधी छात्रावास कुंडेश्वर में उपस्थिति होना चाहिए, लेकिन कर्मचारी सीधे ही उपस्थित हुई। इस संबंध में जानकारी चाही गई है कि क्या महाराजपुरा प्राचार्य ने संकुल प्राचार्य को इस शिक्षिका की उपस्थिति प्रमाणित करके दी या नहीं, यदि नहीं तो संकुल प्राचार्य क्रमांक 2 वेतन कैसे और आहरित कर दी। युक्त पूरे घटनाक्रम पर क्या महाराजपुरा प्राचार्य ने कोई पत्राचार किया यदि हां तो उस पर आपके द्वारा क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं तो क्यों..? इन तमात जानकारियों को देने से अब तक जिम्मेदार प्राचार्य बचते नजर आ रहे हैं। यहां बता दें कि पर्वू में इस आशय की खबर प्रकाशित की गई थी।
गणित जैसे विषय की नहीं कोइ फिक्र
बताया गया है कि जिले में अधिकारी ही गणित जैसे विषयों के शिक्षकों को छात्रावासों में पदस्थ किये हैं और कई शिक्षक अवकाश पर हैं। महाराजपुरा हाईस्कूल विद्यालय में कक्षा 9 और 10 के 127 छात्र एवं छात्राएं हैं, जिनको गणित विषय की पढ़ाई से महरूम रखा जा रहा है। गणित की शिक्षा से वंचित होने के कारण बच्चों की एक साल बर्बाद होने के आसार अभी से बने हुये हैं। शिक्षा की दुर्दशा और बच्चों के भविष्य के साथ जिले में किये जा रहे खिलवाड़ को लेकर बच्चों के अभिभावकों में नाराजगी देखी जा रही है। निजी विद्यालयों से शिक्षा अधिकारियों की सांठगांठ की आशंका धीरे-धीरे पनपने लगी है। स्कूली छात्राओं एवं छात्रों में हरिओम रैकवार, रेशमा कुशवाहा, भावना कुशवाहा, नंदनी कुशवाहा ने कहा कि जब स्कूल में गणित के शिक्षक ही नहीं हैं, तो पढ़ाई कैसे होगी। वैसे भी सरकारी स्कूलों से बच्चों का मोहभंग होने लगा है, जो बच्चे किसी तरह इन स्कूलों में आ रहे हैं, उनके साथ भी शिक्षा विभाग अन्याय करने में लगा है। इमारतें भले ही आलीशान बनती जा रही होए लेकिन होने वाली पढ़ाई इन दिनों मजाक बनती जा रही है।
गणित के शिक्षक नहीं, तो पढ़ाई कैसे हो
गणित जैसे विषय के शिक्षक को अन्य जगह लगाने पर राज्य शिक्षा केन्द्र की मनाही के बाद भी शिक्षा विभाग अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहा है। यहां पदस्थ गणित के शिक्षक का संलग्रिकरण कस्तूरबा छात्रावास कुंडेश्वर में किया गया है, जिस कारण यहां के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। येसा नहीं है कि यहां के प्राचार्य बीएल साहू द्वारा इसकी जानकारी नहीं दी गई है। बच्चों के भविष्य के साथ जानबूझकर खिलवाड़ किया जाना चिंता का विषय है।
127 बच्चों का भविष्य गर्त में
हाई स्कूल महाराजपुरा में आने वाले 127 बच्चों की शिक्षा का दायित्व इन दिनों गिनती के शिक्षकों पर है। वरिष्ठ अधिकारी भी इस संबन्ध में चुप्पी साधे हुये हैं। प्राचार्य श्री साहू ने बताया कि यहां के अधिकांश शिक्षक या तो अवकाश पर रहते हैं, या फिर अपनी ओडी लगवाये हैं। नियम विरूद्ध ओडी लगाने से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बताया कि बार्डन का प्रभार नजदीकी स्कूल की शिक्षिका को दिया जाता है, लेकिन पांच किलो मीटर-शिक्षकाएं अवकाश पर हैं। केवल चार शिक्षक ही इन दिनों विद्यालय में मौजूद हैं। यहां मौजूद बच्चों का कहना है कि शिक्षकों के न आने से पढ़ाई हो ही नहीं पा रही है। केवल यहां बच्चों को पढ़ाने के स्थान पर उन्हें रखाने यानि कि बैठाये रहने का कार्य जारी बना हुआ है। स्कूलों की दुर्दशा से बेखबर अधिकारियों से अभिभावकों ने जल्दी ही गणित सहित अन्य विषयों के अध्यापकों को पदस्थ किये जाने की मांग की है। प्राचार्य श्री साहू ने भी बिगड़े हालातों पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
सरपंच प्रतिनिधि ने भी जताई नाराजगी
सरपंच प्रतिनिधि पार्थ सिंह जू देव ने कहा कि हाई स्कूल की समस्याओं को लेकर शिक्षा अधिकारी से कई बार चर्चा की गई। लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई। महाराजपुरा के इस विद्यालय में न तो लाइट की इंतजाम है और न ही पानी की व्यवस्था की जा सकी है। स्कूल के अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिये हरसंभव प्रयास किये जाएंगे।

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