चर्चित आरक्षक का पलेरा थाने से नहीं छूटा मोह, फिर पहुंचे नागरिकों में नाराजगी, आखिर क्या है पलेरा थाने में

आरक्षक की निलंबन के बाद फिर हुई पलेरा वापसी, अटकलों का गर्माया बाजार

चर्चित आरक्षक का पलेरा थाने से नहीं छूटा मोह, फिर पहुंचे
नागरिकों में नाराजगी, आखिर क्या है पलेरा थाने में

मनोज सिंह/जिला ब्यूरो

टीकमगढ़। (दैनिक अमर स्तंभ) राजनैतिक संरक्षण के चलते अपनी मनमर्जी दिखाने वाले आरक्षक का बार बार पलेरा आना लोगों की समझ से बाहर है। आरक्षक की मनमानी और थाने में चलती मनमर्जी के बाबजूद बार-बार पलेरा पहुंचने को लेकर अटकलों का दौर जारी बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो दो आरक्षक श्री राजपूत एवं श्री पाठक पलेरा थाने में अपनी थानेदारी के लिये चर्चित रहे हैं। लापरवाही और तानाशाही के मामले में शर्मसार होती कार्यशैली के बाबजूद आरक्षक फिर से पलेरा पहुंचा। आसपास के इलाकों में आरक्षक जितेन्द्र राजपूत का फिर से पलेरा पहुंचना चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों में उनके वापिस पलेरा आने से भय बना हुआ है। कहा जा रहा है कि फर्जी मामलों में लोगों को फंसाने और पैसा बसूलने जैसे कारनामों को एक बार फिर बल मिलेगा। पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से लोगों ने उनके पिछले कार्यकाल पर संज्ञान लेते हुये पलेरा में पदस्थ न किये जाने पर जोर दिया है। यहां बता दें कि पंचायत चुनाव के दौरान आरक्षक द्वारा की गई मनमानी और ग्राम छिदरई में हुई घटना की यादें एक बार फिर ताजा हो गई हैं। अब देखना है कि पुलिस विभाग सुरक्षा और शांति व्यवस्था के मद्देनजर क्या आरक्षक को पलेरा से हटायगा, या फिर उन्हें मनमानी करने और किसानों को उत्पीडऩ का शिकार बनाने के लिये छोड़ा जाएगा। यहां बता दें कि राजनैतिक संरक्षण में पलपुस रहे चर्चित आरक्षकों श्री राजपूत एवं श्री पाठक के आगे थानेदार भी लाचार नजर आते थे। दबे गले से किसानों एवं ग्राम छिदरईवासियों ने आरक्षक जितेन्द्र राजपूत को शीघ्र हटाने पर जोर दिया है। बताया गया है कि उनके पलेरा पहुंचने से जांच के प्रभावित होने के पुख्ता आसार बने हुये हैं। वैसे भी पुलिस विभाग में अधिकांश जांचें अजगरगति से चलती आ रही हैं। और तो और चुनाव के दौरान एक महिला थानेदार द्वारा दूसरे ईमानदार थाना प्रभारी का अपमान किये जाने के मामले में भी अब तक जांच अधर में लटकी हुई है। चंदेरा थाना प्रभारी रश्मि जैन द्वारा थाना प्रभारी लिधौरा हिमांशु भिंडिया के किये गये बर्ताव के मामले में भी अब तक कुछ खास होता नजर नहीं आ रहा है। चंदेरा और पलेरा थानों में अधिकांश मामले चर्चाओं में बने रहते हैं, जो आश्चर्य का विषय है। मामलों में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला समय बतायेगा, लेकिन यह भी गौर करने वाली बात है कि थाना पलेरा और चंदेरा रहने वालों की चांदी रहती है। यहां के जनप्रतिनिधियों द्वारा जिस तरह से संरक्षण दिया जा रहा है, उससे आने वाले समय में जनता का उनके प्रति मोह भंग होना लाजमी है।

जांचों के अधर में होने से हौसले बुलंद

जिले में पुलिस कर्मचारियों के विरूद्ध चलने वाली जांचों के ठंडे बस्ते में होने से दोषियों की मनमर्जी और लापरवाही बदस्तूर जारी बनी हुई है। यहां बता दें कि पत्रकार आशीष रजक की बेहरमी से की गई मारपीट के मामले में आरक्षक विक्रम पाठक के विरूद्ध चल रही विभागीय जांच ठंडे बस्ते में बनी हुई है। जिससे पत्रकार आशीष और उनका परिवार भयभीत है। पलेरा थाने में चर्चित आरक्षक जितेन्द्र राजपूत के पहुंचने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगी है। ऐसा क्या है कि उन्हें फिर से पलेरा भेजा गया है। उनके पहुंचने से एक बार फिर किसी बढ़ी वारदात के आसार नजर आने लगे हैं। ग्राम छिदरई में पंचायत चुनाव के दौरान एक की मौत के बाद से आरक्षक चर्चाओं में बने रहे। उनके वीडियों वायरल हुये, जिस पर संज्ञान लेते हुये उन्हें हटाया गया और विभागीय जांच के आदेश दिये गये थे। लेकिन अपनी गोटें फिट कर एक बार फिर से पलेरा थाने की शोभा बन गये हैं। श्री राजपूत थाना प्रभारी के खास मानें जाते रहे हैं। यहां के सिस्टम से वह बखूबी वाकिफ हैं। कहा जा रहा है कि आरक्षक राजपूत को यदि नहीं हटाया गया तो आने वाले समय में एक बार फिर कोई न कोई मामला सामने आयेगा। ग्रामीणों ने जांचों के प्रभावित होने की आशंका जाहिर करते हुये उन्हें पलेरा से हटाये जाने पर जोर दिया है। इस संबन्ध में एसडीओपी श्री पांडेय ने कहा है कि चंदेरा थाना प्रभारी रश्मी जैन के विरूद्ध की गई शिकायत की जांच डीएसपी मेडम कर रहीं हैं। इसके साथ ही उन्हें आरक्षक श्री राजपूत के मामले में फिलहाल जानकारी नहीं है, वह कहते हैं कि इस संबन्ध में पता करने के बाद ही कुछ कह सकूंगा।

पंचायत चुनाव के दौरान बरसाई थी लाठियां

अधेड़ की कुएं में गिरने से मौत एसपी ने एक एसआई व सिपाही को किया सस्पेंड वसीम खान पलेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम छिदारा पंचायत पुरेनिया के निवासियों द्वारा बताया गया है कि उनके द्वारा चुनाव का बहिष्कार किया गया है । कुछ समय पहले उनके परिवार में उनके भतीजे की मौत हो गई थी ए जिसको लेकर चुनाव की एक रात पहले उनके पर उनके मिलने वाले आए थे । उसी समय पुलिस की गाड़ी वहां पर आई और उनके द्वारा लाठी चार्ज किया गया । लाठी चार्ज के दौरान पुलिस के भय से 50 वर्षीय मुन्ना रैकवार कुएं में गिर गया ए जिससे उसे गंभीर चोटें आई और उसकी मौत हो गई परिजनों द्वारा पुलिस पर आरोप लगाए गए हैं और इसी के चलते चुनाव का बहिष्कार किया गया है । ग्राम वासियों का कहना था कि जब तक उचित कार्रवाई नहीं होती है, जब तक मतदान नहीं किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने दिखाई थी तत्परता
उक्त मामले में टीकमगढ़ एसपी प्रशांत खरे ने संज्ञान लेते हुये शांति व्यवस्था बनाने में जहां कामयाबी हासिल की थी, वहीं तत्काल कार्रवाही भी की थी। उन्हें सूचना मिली थी कि एक प्रत्याशी को घेर लिया है, सूचना मिलने पर पुलिस गश्त करने वहां पर गई हुई थी । पुलिस को आते देख कुछ लोग वहां से भागे और एक युवक कुएं में कूद गया, जिससे उसकी मौत हो गई थी । मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे द्वारा एक एसआई व एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया था एवं मृतक के शव को कब्जे लेकर पोस्ट मॉर्टम के लिए भेजा गया था। मामले की जांच की जा रही है, साथ ही ग्रामीणों को समझाइश भी दी थी। एसपी प्रशांत खरे ने चुनाव के दौरान मामले को संज्ञान में लेने के साथ ही तत्काल कार्रवाई की थी। उक्त घटना के बाद आनन-फ ानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को शांत कराया । बताया गया है कि पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में दोषी पाते हुए पुलिस थाने पलेरा के एसआई कामता प्रसाद प्रजापति एवं आरक्षक जितेंद्र राजपूत को निलंबित कर दिया था। इसके बाद छिदारा के मतदान केंद्र क्रमांक 201 पर मतदान शुरू कर दिया गया था । वहां पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था। वहीं मृतक का पोस्ट मार्टम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तहसीलदार डॉ अवंतिका तिवारी एवं एसडीओपी दिलीप पांडे की मौजूदगी में कराया गया था।

ग्रामीणों के असंतोष को मिलेगी हवा

आरक्षक जयहिंद की कार्यशैली पर उठे सवाल टीकमगढ़ गांव छिदारी में बीते रोज जो भी हुआ, उसकी आंच यहां की राजनीति एवं पुलिस प्रशासन की छवि पर पडऩा लगभग तय है । उत्पात मचाने वाले आरक्षक का पलेरा प्रेम और उनकी संदिग्ध गतिविधियों को लेकर एक बार फि र लोगों का असंतोष बढऩे लगा है । कई बार निलंबित होने के बाद भी न तो ऐसे कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा रही है और न ही उनके विरूद्ध ठोस कार्रवाई ही की जा रही है । कहा तो यहां तक जा रहा है कि एक आरक्षक प्रशासन पर भारी है । जिस तरह से पुलिस ने यहां डंडे बरसाये और पुलिस खौफ के कारण हुई एक की मौत ने ग्रामीणों के असंतोष को और भी हवा देने का काम किया था ।
खाक में मिलाते आ रहे खाकी की साख आरक्षक
पलेरा जनपद अंतर्गत पुलिस कर्मचारियों को गतिविधियां लंबे समय से चर्चाओं में बनी हुई हैं । यहां पदस्थ कर्मचारियों को मिल रहे संरक्षण ने उनकी मनमानी को जहां बढ़ावा दिया है, वहीं पुलिस प्रशासन की छवि पर गहरा असर पड़ा है । इस संबन्ध में कई बार कुछ पुलिस कर्मचारियों के नाम सुर्खियों में आने के बाद भी राजनैतिक संरक्षण के चलते उन्हें अभय दान दे दिया गया । देश भक्ति जन सेवा के नारे को जहां धूमिल किया जा रहा है, वहीं आये दिन आम लोगों को परेशान होना पड़ रहा है । अवैध कारोबारियों से सांठगांठ और भ्रष्टाचार के मामले में पलेरा थाने में पदस्थ कतिपय कर्मचारी आए दिन चर्चाओं में रहे हैं । इस संबन्ध में पुलिस विभाग के आला अधिकारियों का ध्यान अपेक्षित कर उचित कार्रवाई किये जाने पर जोर दिया जाता रहा है । ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान घटी घटनाओं पर जहां नाराजगी जाहिर की जा रही थी, वहीं इस घटना में दोषी पाये गये कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग की जा रही है । कहा जा रहा है कि यह पहला मौका नहीं है जब यह संस्पेंड हुये हैं । इसके बाद भी हर बार उन्हें पलेरा ही भेजा जाता है।
बीजेपी सरकार में बढऩे लगा अपराध-अम्मू राजा
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दिग्विजय सिंह गौर अम्मू राजा ने कहा कि जहां आरक्षक या कोई अन्य कर्मचारी जांच के दायरे में आया हो, उसे वहां पदस्थ नहीं करना चाहिये। ऐसा करने से जांच प्रभावित होना तय है। आरक्षक जितेन्द्र राजपूत को पलेरा थाना यदि पुन: पदस्थ किया जाएगा, तो ग्रामीणों में भय बना रहेगा। श्री गौर ने कहा कि बीजेपी सरकार में अपराधों और पुलिस के बीच सांठगांठ होने और अपराधियों को राजनैतिक संरक्षण के आरोप आये दिन लगाये जा रहे हैं। गरीबों को न्याय नहीं मिल रहा है। पलेरा थाना क्षेत्र में अपराधियों को संरक्षण मिलने से अपराध बढ़े हैं। कांग्रेस की सरकार आना तय है। कांग्रेस के सरकार में आते ही ऐसे दबंगों और अपराधियों पर कार्यवाई की जाएगी। गरीबों को न्याय मिलेगा।

बर्जन

जितेन्द्र राजपूत आरक्षक के विरूद्ध चल रही जांच और उसे पुन: पलेरा पदस्थ किये जाने के मामले में पता करूंगा। इस संबन्ध में कोई जानकारी नहीं है। मामला क्या है, पता करने के बाद ही कुछ कह सकूंगा।
अनुराग जी
आईजी, जोन सागर
संभाग, सागर मध्यप्रदेश

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