जयपुर। अयोध्या में भव्य राम मंदिर में राम लला के विराजमान होने के उपलक्ष्य में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के खारघर में गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के तत्वावधान में राष्ट्र को सक्षम, समर्थ एवं समृद्ध बनाने के लिए महान आध्यात्मिक प्रयोग के रूप में 21 फरवरी को शुरू हुए अश्वमेध महायज्ञ में राजस्थानी की अलग ही छटा देखने को मिल रही है। शनिवार को राजस्थान के कार्यकर्ताओ ने राजस्थान की आन बान शान की प्रतीक पगड़ी और धोती कुर्ता पहनकर हवन किया। जालौर के ऋषि ज्ञान आत्मानंद महाराज ने गुरुसत्ता का पूजन किया। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार जन जन को सद्बुद्धि की शरण में जाने के लिए प्रेरित कर रहा है। शांतिकुंज हरिद्वार में गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी जय सिंह यादव ने वेद माता का पूजन किया। हवन के बाद श्रद्धालुओं को राजस्थानी भोजन दाल, बाटी, चूरमा, बाजरे की रोटी, केर सांगरी की सब्जी परोसी गई। खास बात यह है कि भोजन केले के छिलके से तैयार पर्यावरण अनुकूल प्लेट में परोसा जा रहा है। राजस्थान के कार्यकर्ता जहां धोती कुर्ते में नजर आ रहे हैं वहीं महिलाएं रंग बिरंगी लुगड़ी और परंपरागत आभूषण पहने हुए राजस्थानी संस्कृति को जीवंत कर रही है
गायत्री परिवार राजस्थान समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि शनिवार को अखिल विश्व गायत्री परिवार की प्रमुख शैल बाला पंड्या और अश्वमेध महायज्ञ के दल नायक डॉ चिन्मय पंड्या के सानिध्य में 60 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने यज्ञ किया। राष्ट्र को समर्थ बनाने , नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष आहुतियां अर्पित की गई । संस्कारशाला में दीक्षा , पुंसवन , नामकरण, विद्यारंभ, जनेऊ, मुंडन, अन्नप्राशन सहित अन्य संस्कार कराए गए । *अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम सहित 20 देशों के दो दर्जन विदेशी युवाओं ने गायत्री मंत्र की दीक्षा ली।* मंच से उद्गाता बंधुओं ने प्रज्ञा गीतों के साथ वैदिक विधि विधान से यज्ञ करवाया। शाम को राष्ट्र जागरण दीप यज्ञ हुआ । करीब एक लाख दीप प्रज्वलित कर आहुतियां अर्पित की गई । देश भर से आए गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओ ने यज्ञ स्थल पर लगे पुस्तक मेले, नशा मुक्ति, आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी सहित आधा दर्जन से अधिक प्रदर्शनी में गायत्री परिवार की कार्य योजना, रीति नीति, आगामी कार्यों को नजदीक से देखा। सामाजिक समरसता और सौहार्द का संदेश देने वाली प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। अश्वमेध महायज्ञ में महाराष्ट्र के राज्यपालरमेश बेस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे , केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नढा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि गायत्री परिवार का देश का पहला अश्वमेध महायज्ञ 1992 में जयपुर में हुआ था। यह 47 वां अश्वमेध महायज्ञ है। एक लाख पौधे लगाने और नशा मुक्त भारत बनाने के संकल्प के साथ रविवार को महायज्ञ की पूर्णाहूति होगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के 28 वैज्ञानिक यज्ञ स्थल पर अत्याधुनिक तकनीक से लैस मशीनों से यज्ञ का वातावरण पर प्रभाव पर शोध कर रहे हैं।
*आध्यात्मिक प्रयोग है अश्वमेध महायज्ञ:*
राष्ट्र जागरण दीप यज्ञ में गायत्री परिवार प्रमुख डॉक्टर प्रणव पंड्या ने कहा कि अश्वमेध महायज्ञ राष्ट्र की सुख, शांति और समृद्धि बढ़ाने वाला एक भव्य आध्यात्मिक प्रयोग है। यह संपूर्ण राष्ट्र के सूक्ष्म वातावरण को शुद्ध करने के लिए किया जा रहा है। इसका उद्देश्य जनता की सुप्त बौद्धिक प्रतिभा को जागृत करना है। जागृत मानव मेधा समाज और उसके शासन के तरीकों को सुधारने में मदद करेगी और इस धरती को स्वर्ग में बदल देगी। देश में जब जब महापरिवर्तन हुए तब तब अश्वमेध महायज्ञ हुए हैं।