अरण्य विटप हरे भरे दरख्त,वसुधा की है हरियाली,
प्राणवायु देकर हमारे जीवन में फैलाती है खुशहाली।
वृक्षारोपण करो,हर्षित होगी प्रकृति हरित वन उपवन।
तरुवर फल फूल देते है महक उठती है मन की डाली।
निज स्वार्थ के लिए पेड़ काटकर धरती को वीरान मत बनाओ।
जीव जन्तु परिन्दों का आश्रय छीनकर रेगिस्तान मत बनाओ।
प्राकृतिक संसाधन का मत करो दोहन मत फैलाओ प्रदूषण।
जहरीली हो रही है हवा पानी पर्यावरण का करो संरक्षण।
आम नीम बरगद पीपल सागवान शीशम रोपित करो।
धरती की बढ़ती उष्मा को कम करो प्रकृति संरक्षित करो।
जल जंगल से सुसज्जित हर्षित धरा को नित पोषित करो।
पौधारोपण करो जलसंरक्षण करो मरुभूमि को सिंचित करो।
बढती जनसंख्या अनियंत्रित खनन कहीं परमाणु परीक्षण,
शहरीकरण,औद्योगीकरण से हो रहा प्रदूषण ओजोन क्षरण।
आओ हम सब मिलकर पर्यावरण का करें संरक्षण।
अनुपमा सिंह सोनी