जयपुर। गायत्री जयंती-गंगा दशहरा पर्व 16 जून ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को धूमधाम से मनाया जाएगा। गायत्री और गंगा मंदिरों में पंचामृत अभिषेक, श्रृंगार और महाआरती सहित अन्य आयोजन होंगे। कई मंदिरों में दो दिवसीय आयोजन होंगे।
अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में शनिवार सुबह से शाम तक सबकी सद्बुद्धि की कामना के साथ सामूहिक गायत्री महामंत्र का जाप किया गया। करीब 70 साधकों ने 75 हजार गायत्री मंत्र जाप किए। शाम को राष्ट्र जागरण दीपयज्ञ में अक्षत के माध्यम से आहुतियां प्रदान की गई। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका, गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़, किरण पथ मानसरोवर स्थित श्री वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र में गायत्री जयंती पर रविवार को विविध आयोजन होंगे। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में शनिवार को सुबह छह से शाम पांच बजे तक अखंड जप हुए। भक्तिभाव से गायत्री परिजनों ने साधनामय वातावरण में जप किया। शाम को संगीतमय दीपयज्ञ हुआ। रविवार, 16 जून को सुबह आठ बजे से पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ में विश्व कल्याणार्थ यज्ञ भगवान का आहुतियां प्रदान की जाएगी। व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा और सहायक व्यवस्थापक मणिशंकर चौधरी ने बताया कि इस मौके पर दीक्षा, पुसंवन, नामकरण, यज्ञोपवीत सहित अन्य संस्कार भी कराए जाएंगे। मानसरोवर स्थित वेदना निवारण केन्द्र में शनिवार को सुबह से शाम तक करीब सवा सौ लोगों ने एक लाख से अधिक गायत्री मंत्र का जाप किया। रविवार सुबह नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा।
गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ में गायत्री जयंती महोत्सव रविवार, 16 जून र्को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। मुख्य ट्रस्टी धर्म सिंह ने बताया कि सुबह छह से आठ बजे तक गायत्री मंत्र जप होंगे। आठ से ग्यारह बजे तक पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा। इसके बाद कार्यकर्ता गोष्ठी होगी। गायत्री शक्तिपीठ वाटिका में शनिवार को शाम चार से पांच बजे तक गायत्री मंत्र जप और उसके बाद दीपयज्ञ हुआ। रविवार, 16 जून को सुबह आठ बजे से पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ और पर्व पूजन होगा। पूर्णाहुति के बाद भोजन प्रसादी होगी।