हर एक ने अपना सब कुछ दाव पे लगाया था,
तब जाकर टीम ने विश्व कप गले लगाया था।
पूरी सीरीज में खलेनेवाले रोहित का आउट होना,
फिर पंत और सूर्या का भी यकायक वापस जाना ,
कप्तान व कौच की नयी रणनीति, अक्षर आये;
पूरा हिंदुस्तान बिलकुल स्तब्ध, डर बिखराया था।
विराट और अक्षर ने विकेट संभलकर बाज़ी रखी,
श्रृंखला में पहली बार विराट किंग की तरह खेले,
सात ओवर तक मैच क़रीबन हमारे हाथ में थी,
लेकिन बाद में साउथ अफ़्रीका ने ख़ौफ़ फैलाया था।
सब मायूस, उदास, निस्तेज, आये अब गुमराह;
दो ओवर छह रन एक विकेट, अफ़्रीका गुमराह;
अब हार्दिक की बारी, ढह गई अफ़्रीकन पारी;
सूर्या ने सपने जैसा कैच लपका, सिर देश का लहराया था।
दिल की धड़कन बंद करे ऐसी विश्वविजेता टीम की यह कहानी,
शनिवार था, हनुमानजी ने ‘हर्ष’ उल्लास खिलाया था।
हसमुख बी. पटेल, ‘हर्ष’’परख’ /
अहमदाबाद ,गुजरात,