आज़ाद हों गर ख्याल हमारे
तब हम आज़ाद होते हैं
सुलझ जाएं जब सवाल सारे
तब हम आज़ाद होते हैं
पर्यावरण को जब हम संवारे
तब हम आज़ाद होते हैं
स्वच्छता हो आस पास हमारे
तब हम आज़ाद होते हैं
मांओं को स्वस्थ रख पाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
बेटियों को स्वावलंबी बनांए
तब हम आज़ाद होते हैं
बेटों को सही सोच दे पाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
लैंगिक समानता ला पाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
विज्ञान और तकनीक को अपनाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
अंधविश्वास की बेड़ियां तोड़ पाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
धर्म और मज़हब को दरकिनार कर
किसी की मदद कर पाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
स्वजन के साथ ही बहुजन का भी हित कर पाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
भ्रष्टाचार को अपने मनों से मिटाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
अपराधों को समाप्त कर पाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
गलत परम्पराओं को तोडकर
सही दिशा अपनाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
नियमों का पालन करें, सबको सुरक्षा पहुंचाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
बुद्धिमत्ता से मतदान करें
तब हम आज़ाद होते हैं
करों का भुगतान करें
तब हम आज़ाद होते हैं
सबके लिए प्रेम की भावना जगाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
आज़ादी का महत्व समझें, अपने कर्तव्य भी निभाएं
तब हम आज़ाद होते हैं
मिलते-जुलते रहें
खुशियां मनाते रहें
आज़ादी का पर्व मनाते रहें
तब हम आज़ाद होते हैं।
शिखा