आपको बता दें कि कुछ दिनों पूर्व पत्रकार द्वारा कलेक्टर मे शिकायत कि गई कि चैनपुर मे स्थित खसरा क्रमांक 251 कि शासकीय भूमि को सियाराम और उनके भाइयों एवं सहयोगियो द्वारा बेच दिया गया है उस शिकायत पर मनेन्द्रगढ विधायक एवं डिप्टी कलेक्टर द्वारा जांच कराई गई उसमे प्रभारी तहसीलदार को को जांच के लिए निद्रेशित किया गया कि जांच कि जाए उसमें प्रभारी तहसीलदार ने अपने न्यालय में प्रकरण दर्ज कर लिया और तारीख पे तारीख दी जा रही है उनके द्वारा सियाराम एवं उनके भाइयों और सहयोगियो को संरक्षण दिया जा रहा है और जांच भी नहीं किया जा रहा है और कहा जाता है कि शासकीय भूमि सियाराम कि है वो बेचे तुमको उससे क्या करना है और ज्यादा बात करोगे तो तुमको भी फंसा दुंगा तुम्हारा इस प्रकरण में कोई अधिकार नहीं है शासकीय भूमि सियाराम की है और उसने उसको बेचा है तुमको इनसे क्या करना है फिर पत्रकार द्वारा पुनंह लिखित शिकायत कलेक्टर को दी गई फिर भी कोई कार्यवाही नहीं कि गई और शासकीय भूमि को सियाराम और उनके भाई एवं सहयोगियों द्वारा बेच दिया गया मानो प्रभारी तहसीलदार द्वारा शासकीय भूमि को बेचा गया और मोटी रकम अंदर कर ली गई ऐसा प्रतीत होता है कि प्रभारी तहसीलदार ने खानापूती कर ली है शासकीय भूमि को कब्जा कर बेचा गया और सियाराम और उनके भाई एवं सहयोगियों द्वारा जातिवाद और झूठे आरोप लगाया जा रहे है पत्रकार को कवरेज करने से भी रोका जा रहा है अगर पत्रकार कवरेज कर लिया तो जो शासकीय भूमि कि बिक्री हुई है उसकी पोल खुल जायेगी इसलिये पत्रकार के खिलाप झूठी शिकायत दर्ज करवा दिया गया और माननीय राष्ट्रपति के पास पत्रकार के खिलाफ झूठा ज्ञापन सौंप कर शिकायत कि गई सियाराम और उनके भाई एवं सहयोगियों द्वारा शासकीय जमीन पर दो-तीन सालों से खूब अतिक्रमण एवं कब्जा कर शासकीय भूमि को बेचा जा रहा है और पुरे शहर को भी पता है जिला प्रशासन के संज्ञान में भी है जिला प्रशासन के आंखों तले यह सब काम धड़ल्ले से चल रहा था और जिला प्रशासन सो रहा था मानो ऊपर तक शासकीय भूमि कि बिक्री का पैसा पहुंच रहा है जिला प्रशासन जल्द से जल्द जांच कर सियाराम और उनके भाई एवं सहयोगियों पर कार्यवाही करें नहीं तो उग्रा आंदोलन किया जायेगा।
गुलशन अंसारी तहसील संवाददाता मनेन्द्रगढ कि रिपोर्ट