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द कश्मीर फाइल्स, फिल्म पर आंसू बहाने वाले लोगों को दिखाई नहीं दी छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा के आदिवासियों का नरसंहार.

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रिपोर्टर– जावेद अली आजाद

जिला कोरबा ब्यूरो(अमर स्तम्भ)। विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” फिल्म को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है।फिल्म की शुरुआत भले ही बॉक्स ऑफिस पर कमजोर हुई थी,लेकिन दूसरे दिन से ही फिल्म के साथ देश की जनता जुड़ गई और फिर फिल्म धीरे धीरे तेजी से कमाई करने लगी।कश्मीरी पंडितों के साथ हुई घटना को बयान करती ये फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आ रही है।आम दर्शक के अलावा भी कई सेलेब्स इस फिल्म की तारीफ कर चुके हैं।

फिल्म के कलेक्शन को लेकर विवेक अग्निहोत्री ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया है।इस पोस्ट में उन्होंने बताया है कि कश्मीर फाइल्स ने 7 दिन में ही कुल 106.80 करोड़ रुपये की कमाई की है।बता दें कि फिल्म आने वाले दिनों में और भी तगड़ी कमाई कर चुकी है।फिल्म को वीकेंड का फायदा मिल सकता है।लगातार फिल्म को दर्शकों का प्यार मिला है फिल्म लगातार कमाई का रिकॉर्ड तोड़ा।

भारत में अनेकों प्रकार के राजनीति पार्टियां हैं पार्टियों के द्वारा तरह-तरह के राजनीति हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं कभी धर्म के नाम पर कभी वोट के नाम पर इसी प्रकार अब फिल्मों में भी धर्म के नाम पर अभिनेताओं के द्वारा फिल्मी स्टाइल पर धर्म की राजनीति करते हुए लोगों को फिल्म के माध्यम से संदेश दिया जा रहा है। भारत देश धर्मनिरपेक्ष जातियों का समूह है। सभी को समानता से जीने का अधिकार है। परंतु बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि अभी भी धर्म के नाम पर कई तरह के फिल्म बनाए जा रहे हैं। विशेष रुप से कश्मीरी पंडितों को लेकर फिल्म बनाई गई है। अगर फिल्में बनानी है तो छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा दंतेवाड़ा आदिवासियों का जो नरसंहार किया गया उस पर क्यों अब तक फिल्म नहीं बनाई गई?

जाहिर सी बात है– अभी भी निम्न स्तर के और नीचे जातियों का खंडन किया जा रहा है। ऊंच-नीच की जाति की गणना करते हुए राजनीति की जा रही है इसी प्रकार सत्ता में बैठे राजनेताओं के द्वारा और फिल्म से जुड़े कुछ अभिनेताओं के द्वारा धर्म के नाम पर अपनी रोटी सेका जा रहा है और इसी के माध्यम से लोगों के दिलों में धर्म प्रचार को लेकर एक षड्यंत्र रचते हुए आमजनों से आने वाले समय में वोट बैंक बनाया रहा है।

द कश्मीर फाइल्स,फिल्म पर आंसू बहाने वाले लोगों को दिखाई नहीं दी छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा के आदिवासियों का नरसंहार.

सुकुमा के सिलगेर में सेना कैम्पों के लगने का शान्ति पूर्वक विरोध कर रहे आदिवासियों पर जवानों ने गोली चला दी, जिसमें 3 आदिवासियों की मौत हो गयी और 18 घायल हो गये।

छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में सिलेगर में सीआरपीएफ कैम्प लगने का तीन दिन से विरोध कर रहे ग्रामीण आदिवासियों पर जवानों ने बीते 17 मई को गोली चला दी। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएँ और नाबालिग़ भी शामिल थे। इस गोलीकांड में तीन आदिवासियों की मौत हो गयी, जबकि 18 घायल हो गये। स्थानीय लोग घायलों की संख्या दो दर्ज़न से अधिक बता रहे हैं। हद तो इस बात की है कि पहले पुलिस आईजी ने मारे गये आदिवासियों को नक्सली करार दे डाला, तो दूसरी ओर प्रदेश सरकार द्वारा मृतकों के आश्रितों को मुआवज़े की पेशकश भी की गयी। सवाल यह भी उठ रहा है कि 5000 लोगों के बीच में यदि तीन माओवादी भी हों, तो क्या पुलिस उन तीनों को बिना निशाना चूके मार सकती है?

यह सर्वविदित है कि छत्तीसगढ़ में लम्बे समय से आदिवासियों के साथ अत्याचार हो रहा है। इन लोगों की शिकायतें भी थानों में नहीं सुनी जातीं और जब मर्ज़ी इन्हें पुलिस, सीआरपीएफ के जवान और वास्तविक नक्सली रौंदकर चले जाते हैं। सदियों से अत्याचार के शिकार आदिवासियों की ख़ता सिर्फ इतनी है कि ये लोग सीधे-सादे हैं और जल-जंगल-ज़मीन को बचाने की कोशिश में लगे रहते हैं। अब तक सैकड़ों आदिवासियों को बिना कारण के मौत के घाट उतारा जा चुका है। ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जिनमें पुलिस या सीआरपीएफ के जवानों ने आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया। मरने के बाद उन्हें नक्सली करार दे दिया गया और बाद में अदालतों में यह सिद्ध हुआ है कि मार दिये गये लोग।

भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग

ग्रामीणों का आरोप है कि उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह सीआरपीएफ कैम्प बनाया जा रहा है, ताकि आदिवासियों की ज़मीन आसानी से छीनी जा सके। सीआरपीएफ कैप का विरोध रोकने के लिए ही आदिवासियों की हत्याएँ की गयी हैं।

लोगों का विरोध देखकर पुलिस और प्रशासन को आदिवासी प्रतिनिधियों से 23 मई को बातचीत भी करनी पड़ी, लेकिन न तो मृतकों के परिजनों को कोई बड़ा राहत पैकेज देने की घोषणा की गयी और न ही सीआरपीएफ कैम्पों को हटाने को लेकर कोई आश्वासन दिया गया। जब आदिवासियों पर जवानों द्वारा गोलियाँ दाग़ने का मामला काफ़ी तूल पकड़ा, तब मरने वालों को 10-10 हज़ार रुपये राहत के तौर पर देने की घोषणा की गयी। आदिवासियों ने रुपये लेने से साफ इनकार कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि जब मारे गये लोग नक्सली थे, तो उन्हें राहत पैकेज क्यों दिया गया, जबकि दूसरा सवाल यह है कि क्या आदिवासियों के जान की क़ीमत सिर्फ 10 हज़ार रुपये है।

आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन

एक साल के अन्दर बस्तर सम्भाग में सीआरपीएफ के 30 से अधिक कैम्प लग चुके हैं, जबकि यह सम्भाग पाँचवीं अनुसूची में आता है और यहाँ कैम्प लगाने का कोई औचित्य नहीं बनता। पेसा एक्ट के अनुसार, बस्तर सम्भाग में ग्रामसभा की अनुमति लिए बग़ैर कोई निर्माण नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके यहाँ पिछले एक साल से सीआरपीएफ के कैम्प बनाये जा रहे हैं। जब आदिवासी सुरक्षा बलों के कैम्पों का विरोध कर रहे हैं, तो उन पर सीधे लाठियाँ और गोलियाँ बरसायी जा रही हैं और उनकी हत्या की जा रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा इस तरह की बहुत सारी घटनाएँ पहले भी की जा चुकी हैं। सन् 2012 में सीआरपीएफ ने बस्तर सम्भाग के ही सारकेगुड़ा में 17 निर्दोष आदिवासियों को गोलियों से भून दिया था, जिसमें नौ छोटे बच्चे थे। ये सभी मृतक बीज पंडूम त्यौहार मना रहे थे। इस मामले में भी मारे गये लोगों को पुलिस ने माओवादी कहा था। लेकिन जब जाँच आयोग की रिपोर्ट आयी, तो उसने घोषित किया कि मारे गये लोग निर्दोष आदिवासी थे। जाँच आयोग की रिपोर्ट आने के बाद से आज तक किसी के ख़िलाफ़ कोई एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है।

रमन सिंह की राह पर भूपेश बघेल

संविधान के अनुच्छेद-244(1) पाँचवीं अनुसूची से अधिसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभाओं की भूमिका को अनदेखा कर छत्तीसगढ़ में आदिवासियों पर शोषण, अत्याचार किया जा रहा है। पाँचवीं अनुसूची के धारा-4(3)(क, ख, ग) अधिसूचित क्षेत्रों में प्रशासनिक व्यवस्था के संबंध में राष्ट्रपति एवं राज्यपाल की भूमिका को नज़रअंदाज़कर, ग्रामसभाओं की भूमिकाओं को बाईपास कर राज्य सरकारें मनमाने फ़ैसले ले रही हैं, जिसके कारण अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासनिक और कारपोरेट की दख़लअंदाज़ी बढऩे से आदिवासियों के अस्तित्व, अस्मिता, पहचान और उनकी सांस्कृतिक विरासत के ख़त्म होने का ख़तरा उत्पन्न हो गया है। बड़े पैमाने पर अनुसूचित क्षेत्रों में खनन, कारपोरेट, वन अभ्यारण्य इत्यादि के नाम पर आदिवासियों की ज़मीनें छीनी जा रही हैं।

इस मामले पर भी आदिवासियों पर आधारित “द दंतेवाड़ा फाइल्स” फिल्म अभी तक क्यों नहीं बन पाई? क्या छत्तीसगढ़ की जनता इस मामले पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया? क्या दी कश्मीर फाइल्स पर आंसू बहाने वाले लोगों को दंतेवाड़ा आदिवासी निवासियों की दुख दर्द एवं उनकी पीड़ा और उनके साथ हुए नरसंहार सोशल मीडिया पर दिखाई नहीं दिए? परंतु यह सब मामले को दरकिनार करते हुए सत्ता में बैठे अधिकारियों एवं नेताओं के द्वारा और समाज में गलत संदेश पहुंचाने वाले कुछ फिल्म के अभिनेताओं के द्वारा धर्म की राजनीति के गलियारों से होते हुए दंगे करवाने और लोगों के आपसी भाईचारे एवं सौहार्द को मिटाने में लगे हुए हैं।

नशे की हालत में लापरवाही पूर्वक बाइक सवार युवक ने युवती की स्कूटी को मारी ठोकर, इलाज के दौरान युवती की आकस्मिक मौत

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रिपोर्ट– जावेद अली आज़ाद

कोरबा (अमर स्तम्भ)। रविशंकर शुक्ल नगर की ओर से तेज रफ्तार से आ रहा पल्सर बाईक चालक युवक के वाहन क्रमांक CG 12 BE 8649 के चालक लापरवाही पूर्वक नशे मे धुत होकर बाइक सवार दो युवक ने नियंत्रण खोकर स्कूटी सवार युवती की वाहन क्रमांक CG 12 AN 7949 को ठोकर मार दिया। वही घटनास्थल पर मौके का फायदा उठाकर पल्सर बाइक चालक युवक मौके से फरार हो गया।

भागते हुए बाईक मे पीछे बैठे एक युवक को स्थानी लोगो ने धर दबोचा। घटना घटित होने के उपरांत स्थानीय लोगो की मदद से युवती को निजी अस्पताल मे भर्ती कराया गया था, राजेन्द्र प्रसाद नगर निवासी युवती सेजल राखोडें की निजी अस्पताल में उपचार के दौरान देर रात निधन हो गया है। मामले की जांच कर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। वही फरार आरोपी की पतासाजी की जा रही है।

दो शराबियों के झगड़े में ASI की चली गई जान, जाने क्या है पूरा मामला?

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दो शराबियों के झगड़े में बीचबचाव करने गए ASI की चली गई जान महासमुंद,

दो शराबियों के झगड़े का बीच-बचाव करते एएसआई की चली गई जान

महासमुंद (अमर स्तंभ)। प्रदेश में बीते दिनों होली के बाद कई ऐसी वारदात सामने आई है जिसमे या तो कोई दो व्यक्तियों के बीच विवाद रोकने पहुंचा और खुद मौत का शिकार हो गया। ऐसा ही एक मामला महासमुंद जिले से निकल के सामने आया है।

आपको बता दे शनिवार रात साढ़े आठ बजे एएसआई विकास शर्मा अपने घर के पास टहल रहे थे, तभी कुछ लोग शराब के नशे में आपस मे विवाद कर रहे थे। उनका बीचबचाव करते शर्मा गिर पड़े, बेहोशी की हालत में लोगों ने उन्हें पास के ही निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया।
छत्‍तीसगढ़ के महासमुंद साइबर सेल में पदस्थ एएसआई विकास शर्मा का निजी अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। एसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि अस्पताल में चल रही उपचार एवं इलाज के दौरान निधन हुआ।

महासमुंद निवासी 41 वर्षीय विकास शर्मा छात्र जीवन से बॉक्सिंग के खिलाड़ी रहे। उन्होंने अपने बेहतर खेल से कई मेडल अपने नाम किया। पुलिस विभाग में आरक्षक के रूप में भर्ती पर प्रशिक्षण केंद्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन से उन्हें प्रधान आरक्षक की पदोन्नति मिली। बाद से वे क्राइम ब्रांच, साइबर सेल में सेवा देते रहे।

अधिकारियों ने कहीं ये बात

एसपी शुक्ला ने बताया कि घटना के बाद से पुलिस प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही है। वास्तव में घटना कैसे हुई पता लगाया जा रहा है। एसपी ने कहा कि एएसआई के शरीर पर चोट का निशान नहीं है। शव का पीएम कराया जाएगा।

वे सभी टास्क पर अपने अधिकारियों के विश्वास पर खरा उतरते रहे। एक टास्क में खुद वे एक सिपाही व एक नगर सैनिक के साथ महानगर दिल्ली जाकर चिटफंड कंपनी एचबीएन के डायरेक्टर अमरिंदर सिंह को दिल्ली से ही अपने कौशल से पकड़कर लाया था। तब तत्कालीन आईजी रायपुर रेंज जीपी सिंह ने विकास सहित तीन जवानों को इस मामले में विशेष पारितोषिक देकर पदोन्नति दी। इसके बाद विकास एएसआई पद पर सेवा देते रहे। विकास स्नेक कैचर के रूप में भी ख्यात रहे। लोगों के घरों में निकले विषैले सांप को आसानी से पकड़कर जंगल छोड़ने में विकास को महारत हासिल थी। ऐसा कार्य कर उन्होंने कई लोगों की सहायता की है।

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150 सालों से भारत के इन दो जगहों पर नहीं मनाई गई होली, जानिए क्या थी वजह…❓

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रिपोर्टर– जावेद अली आजाद

कोरबा ब्यूरो अमर स्तंभ। सोशल मीडिया पर आमजन एक दूसरे को होली की बधाई दे रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 2 गांव ऐसे हैं जहां होली का त्यौहार नहीं मनाया जाता है। गांव वालों का मानना है कि होली का त्यौहार मनाने से देवी- देवता नाराज हो जाते हैं।

वैसे तो हर त्यौहार का अपना एक अलग महत्व है। लेकिन हरे, पीले, लाल, गुलाबी सहित सभी रंग बिरंगे रंगो के त्यौहार होली का अपना अलग ही महत्व है। इस त्यौहार का मकसद सब को एक रंग में रंगकर आपसी सौहार्द को बढ़ावा देना होता है।

कोरबा जिले से 35 किलोमीटर दूर खरहरी गांव(मड़वारानी के प्राकट्य पहाड़ों के नीचे ) में होली के त्यौहार पर 150 सालों से न तो होलिका जलाई जाती है न ही रंग गुलाल उड़ाए जाते हैं। गांव के लोगों का मानना है कि यहां सालों पहले भीषण आग लगी थी, इस दौरान गांव की स्थिति इतनी खराब हो गई की गांव में भंयकर महामारी फैल गई थी। ऐसे में एक दिन गांव के एक बैगा (हकीम) के सपने में देवी मडवारानी आई और उन्होंने त्रासदी से बचने का उपाय बताया। उन्होंने बैगा से सपने में बोली की गांव में होली का त्यौहार कभी नहीं मनाया जाएगा तो गांव में शांति वापस आ सकती है। तभी से उस गांव में होली का त्यौहार नहीं मनाया जाता है। हालांकि होली के दिन तरह-तरह के बनने वाले पकवान यहां भी बनते हैं।

होली खेलने से नाराज होते है देवी-देवता

खरहरी गांव से 6 किलोमीटर दूर धमनगुड़ी जो कोरबा जिले से 20 किलोमीटर दूर है। इस गांव में भी पिछले 150 सालों से न तो होलिका दहन होता है और न होली खेली जाती है। गांव के लोगों की मान्यता है कि होली खेलने से गांव के देवी-देवता नाराज हो जाते हैं।ग्रामीणों की माने तो सालों पहले जब गांव में पुरूष वर्ग होली मना रहे थे।

लोग नशे में गाली-गलौच कर रहे थे।उसी दौरान गांव की एक महिला के शरीर में डंगहीन माता प्रवेश कर गई। और डांग (बांस) से पुरूषो की पिटाई करने लगी। जिसके बाद पुरूषों ने माफी मांगी, तो डंगहीन माता ने उन्हें होली ना मनाने के शर्त पर माफ किया, उस समय से आज तक इस गांव में होली नहीं मनाई जाती है।

शिक्षक मानस परिवार ने मनाया रंगमहापर्व का पारंपरिक त्यौहार

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छुरा (अमर स्तम्भ)- हिन्दुओं का रंगमहापर्व होली को शिक्षक मानस परिवार के सभी सदस्यों ने पारंपरिक रुप से मनाया।होलिका दहन में दानवराज हिरण्यकशिपु के षडयंत्र से भक्त प्रहलाद के बचने और होलिका के जलने की खुशी मनाते हुए तथा नव वर्ष के आगमन के पूर्व खुशी मनाते हुए नगाड़ों की थाप पर फाग गीत का आनंद लिया।संध्या बेला में सभी परिवार सहित लक्ष्मी विहार में इकट्ठा हुए व एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली पर्व की बधाई दी।महिलाओं ने भी एक दूसरे पर गुलाल लगाए बच्चों ने भी बड़ों को गुलाल लगाकर आशीर्वाद लिया। पश्चात होली के पारंपरिक वाद्ययंत्र नंगाड़ा मंजीरा बजाते हुए फाग गीतों गणपति ला मनाँव, मिथिला में राम खेलै होली, तोर गढ़ लंका राम आए, होली खेलें रघुबीरा अवध में, मुख मुरली बजाए, आमा तरी डोला ला उतार दे, फागुन महराज अब के गये ले कब अइहव, जाए के बेरा राम राम ले ले, आदि गाकर झुमते रहे। इस कार्यक्रम में विनोद कुमार देवांगन, हीरालाल साहू,मनहरण पटेल, पोषण लाल वर्मा, रामकुमार साहू ,कमलेश साहू ,पुखराज ठाकुर, डामिन साहू, उषा साहू, धनेश्वरी साहू, गुलाब बाई पटेल, खुशबूरानी, सिम्मी, मोनिका, सविता, कावेरी, देविका, भूमिका, प्रियंका, उपेन्द्र, अविनाश, गरिमा, कुणाल सिंह, कुणाल साहू, खुशी आदि सम्मिलित हुए। विनोद देवांगन, मनहरण पटेल, हीरालाल साहू मुख्य गायक वादक की भूमिका निभायी।अंत में सभी अपने अपने घरों से लाये मिठाई पकवान का सामुहिक रुप से आनंद लिया।

महिला क्रिकेट मुकाबले में आस्ट्रेलिया से छह विकेट से हारा भारत

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अरविन्द तिवारी
ऑकलैंड/न्यूजीलैंड (अमर स्तम्भ) – महिला वनडे विश्व कप का अठारहवां महामुकाबला आज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ऑकलैंड के ईडन पार्क में खेला गया। इस मुकाबले में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट से करारी शिकस्त दी। इस मुकाबले में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुये भारत ने 50 ओवर में 07 विकेट गंवाकर 277 रन बनाये। वहीं आस्ट्रेलियाई टीम ने 49.3 ओवर में 04 विकेट गंवाकर 280 रन बनाते हुये मैच अपने नाम कर लिया। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में पहुंचना तय हो गया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तान मेग लैनिंग ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया है। लैनिंग ने टीम में एक बदलाव किया है। डार्सी ब्राउन को टीम में वापस लाया गया , जबकि एनाबेल सदरलैंड को बेंच पर बिठाया गया। वहीं भारतीय कप्तान मिताली राज ने प्लेइंग इलेवन में एक बदलाव किया। आउट ऑफ फॉर्म दीप्ति शर्मा की जगह ओपनर शेफाली वर्मा की टीम में वापसी हुई। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने 278 रन का लक्ष्य रखा। भारतीय ओपनर्स स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा मैदान पर पहुंंची और ऑस्ट्रेलिया की ओर से मेगन शट पहले ओवर में गेंदबाजी की। जिसमें भारत ने सस्ते में अपनी ओपनिंग जोड़ी को खो दिया। स्मृति मंधाना 10 रन और शेफाली वर्मा 12 रन बनाकर आउट हुईं। इसके बाद कप्तान मिताली राज ने यास्तिका भाटिया के साथ मिलकर पारी सम्हाली। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिये 154 गेंदों पर 130 रन की साझेदारी हुई। इस दौरान मिताली ने वनडे करियर का 63वां और यास्तिका ने करियर का दूसरा अर्धशतक लगाया। अर्धशतक लगाने के बाद यास्तिका ज्यादा देर तक मैदान पर नहीं टिक सकीं और वह 83 गेंदों पर 59 रन बनाकर आउट हुईं। वहीं कप्तान मिताली 96 गेंदों पर 68 रन बनाकर पवेलियन लौटीं। मिताली और हरमनप्रीत के बीच भी 28 रन की साझेदारी हुई। ऋचा घोष (08) और स्नेह राणा (0) कुछ खास नहीं कर सकीं। इसके बाद उपकप्तान हरमनप्रीत ने पूजा वस्त्राकर के साथ मिलकर भारत को 250 रन के पार पहुंचाया। दोनों के बीच सातवें विकेट के लिये 46 गेंदों पर 64 रन की साझेदारी हुई। इस बीच हरमनप्रीत ने वनडे करियर का 15वां अर्धशतक लगाया। वहीं पूजा भारतीय पारी की आखिरी गेंद पर रन आउट हुईं। उन्होंने 28 गेंदों पर एक चौका और दो छक्के की मदद से 34 रनों की पारी खेली। हरमनप्रीत 47 गेंदों पर 57 रन बनाकर नाबाद रहीं ,अपनी पारी में उन्होंने छह चौके लगाये। इस तरह से भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में 07 विकेट पर 277 रन बनाये। मिताली राज (68), हरमनप्रीत कौर (57*) और यस्तिका भाटिया (59) ने हाफ सेंचुरी जड़ी , जिसके दम पर भारत शुरुआती झटकों के बावजूद सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच सका।इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की ओर से डार्सी ब्राउन ने तीन और एलेना किंग ने दो विकेट झटके , वहीं जेस जोनासन को एक विकेट मिला। अपनी जीत के लिये 278 रनों का लक्ष्य लेकर उतरी आस्ट्रेलियाई टीम ने 49.3 ओवर में ही अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। आस्ट्रेलियाई कप्तान मेग लैनिंग ने 107 गेंदों पर 13 चौकों की मदद से 97 रन की बेहतरीन पारी खेली। वे शतक के करीब आकर कैच आउट हो गईं। उनके अलावा विकेटकीपर एलिसा हीली ने ताबड़तोड़ 72 रन बनाये। टीम इंडिया के लिये पूजा वस्त्राकर ने 02 विकेट झटके , जबकि मेघना सिंह और स्नेह राणा ने एक-एक सफलता हासिल की। इस मुकाबले को जीतकर ऑस्ट्रेलियाई टीम सेमीफाइनल के लिये क्वालिफाई करने वाली पहली टीम बनी। ऑस्ट्रेलियाई ने अब तक इस टूर्नामेंट में पांच में से पांच मैच जीते हैं। टीम के 10 अंक हैं और वह प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर है। वहीं भारतीय टीम की यह लगातार दूसरी और इस टूर्नामेंट में ओवरऑल तीसरी हार थी।  भारत के अब पांच मैचो में दो जीत और तीन हार के साथ चार अंक हैं। टीम चौथे स्थान पर बनी हुई है। भारतीय टीम को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिये अपने अगले दोनों बाकी बचे मैच हर हाल में जीतने होंगे। टीम इंडिया का अगला मैच 22 मार्च को बांग्लादेश के खिलाफ खेलना है। वहीं 27 मार्च को टीम दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगी।

झूलन का 200वां वनडे मैच

भारत की दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी का यह 200वां वनडे मैच है। महिला क्रिकेट में 200 वनडे खेलने वाली वह दुनिया की दूसरी खिलाड़ी हैं। इससे पहले भारत की ही मिताली राज ने ऐसा किया है। मौजूदा टूर्नामेंट में झूलन अब तक कई रिकॉर्ड्स भी बना चुकी हैं। वह महिला वनडे क्रिकेट में 250 विकेट लेने वाली पहली खिलाड़ी भी हैं। इसके अलावा महिला वनडे विश्व कप टूर्नामेंट में झूलन के नाम ही सबसे ज्यादा विकेट चटकाने का रिकॉर्ड भी है।

भारतीय टीम – स्मृति मंधाना , शेफाली वर्मा , यास्तिका भाटिया , मिताली राज (कप्तान) , हरमनप्रीत कौर , स्नेह राणा , ऋचा घोष (विकेटकीपर) , पूजा वस्त्राकर , झूलन गोस्वामी , मेघना सिंह , राजेश्वरी गायकवाड़।

ऑस्ट्रेलियाई टीम – एलिसा हीली (विकेटकीपर) , रेचल हेन्स , मेग लैनिंग (कप्तान) , एलिस पेरी , बेथ मूनी , ताहलिया मैकग्रा , एश्ले गार्डनर , जेस जोनासन , एलेना किंग , मेगन शट , डार्सी ब्राउन।

सीएम मान के दस सहयोगी विधायकों ने कैबिनेट मंत्री की ली शपथ

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अरविन्द तिवारी
चंडीगढ़ (अमर स्तम्भ) – पंजाब में आज भगवंत मान कैबिनेट का चंडीगढ़ स्थित राजभवन के गुरू नानक देव आडिटोरियम में विस्तार हुआ। इस समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी मौजूद रहे। यहां 10 विधायकों ने पंजाबी भाषा में मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ली , इनमें से 08 पहली बार मंत्री बने हैं।नवनिर्वाचित विधायकों हरपाल सिंह चीमा , बलजीत कौर , हरभजन सिंह ईतो , विजय सिंघला , लाल सिंह कटरौचक , गुरमीत सिंह मीत हायर , कुलदीप सिंह धालीवाल , लालजीत सिंह भुल्लर , ब्रह्म शंकर और हरजोत सिंह बैंस को पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस मान कैबिनेट में बैंस सबसे युवा सदस्य हैं , जबकि कैबिनेट में एक मात्र महिला बलजीत कौर हैं। मंत्रिमंडल में 17 की जगह है लेकिन फिलहाल 10 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया है। मान कैबिनेट में जिन विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल करने के लिये चुना गया है , उनका चयन भी क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिये किया गया है। कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले 10 विधायकों में से 05 मालवा से , 04 माझा से और 01 दोआबा क्षेत्र से है। इनमें अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले लोग शामिल हैं। इनमें से 02 किसान , 03 वकील , 02 डॉक्टर , 01 सामाजिक कार्यकर्ता , 01 इंजीनियर और 01 व्यवसायी को शपथ दिलाई गई है। नये मंत्रियों के शपथ लेने के बाद सरकार में सीएम भगवंत मान सहित चार जट्‌टसिख , तीन हिंदू और चार अनुसूचित जाति के मंत्री हैं। बाद में मंत्रिमंडल का और विस्तार किया जायेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सभी नये मंत्रियों को बधाई और शुभकामनायें देते हुये कहा कि पंजाब की जनता को आप सभी से बहुत उम्मीदें हैं। पंजाब को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिये पूरी ईमानदारी और मेहनत से काम करिये , ईश्वर आपके साथ हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिये भगवंत मान की बेटी सीरत कौर मान और बेटा दिलशान मान भी पंजाब राजभवन के गुरु नानक देव ऑडिटोरियम में पहुंचे थे। सभी मंत्रियों का संक्षिप्त परिचय निम्न है –

हरपाल सिंह चीमा

एससी समाज से आने वाले और पेशे से वकील 47 वर्षीय चीमा वर्ष 2017 में पहली बार विधायक बने। पंजाब के सबसे बड़े मालवा क्षेत्र से आते हैं। ये संगरूस के दिड़बा से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गये हैं। इन्होंने अपने केरियर की शुरुआत पंजाबी यूनिवर्सिटी , पटियाला में एक छात्र नेता के रूप में की थी। ये ज़िला बार एसोसिएशन संगरूर के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा ये वर्ष 2018 में विपक्ष के नेता बने थे।

डॉ. बलजीत कौर

एससी समाज से आने वाली और पेशे से आंखों की डाक्टर राज्य की मलोट सीट पर डॉ. बलजीत कौर 46 वर्षीया ने अकाली दल के हरप्रीत सिंह को चालीस हज़ार से अधिक मतों के अंतर से हराया है , ये फरीदकोट के पूर्व सांसद साधु सिंह की बेटी हैं। इन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने पिता के लिये चुनाव प्रचार भी किया था। बलजीत कौर करीब चार साल पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुई थीं और पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ीं।‌ इन्होंने एमबीबीएस और एमएस की पढ़ाई की है और इन्हें भारत सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ सर्जन से भी सम्मानित किया जा चुका है। सिविल अस्पताल मुक्तसर में नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत बलजीत कौर ने चार महीने पहले रिटायरमेंट ली है। रिटायर होने के बाद उन्होंने एक निजी क्लिनिक शुरू करके अपनी सेवायें शुरू की।

हरभजन सिंह ईटीओ

माझा क्षेत्र से आने वाले 53 वर्षीय हरभजन सिंह ईटीओ जंडियाला आरक्षित सीट से विधानसभा पहुंचे हैं। इन्होंने कांग्रेस के सुखविंदर सिंह डैनी को पच्चीस हजार से अधिक वोटों से हराया है। चुनाव आयोग को दिये हलफ़नामे के मुताबिक़, हरभजन सिंह पेशे से वकील हैं और उनकी पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं। ये पहले पीसीएस अधिकारी थे , नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गये। ये वर्ष 2017 में चुनाव हार गये थे।

डॉ. विजय सिंगला

डॉ. विजय सिंगला (52 वर्षीय) मानसा विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे हैं। उनकी सीट इसलिये हॉट बन गई , क्योंकि कांग्रेस ने गायक सिद्धू मूसेवाला को वहां से उम्मीद्वार बनाया था , जिसे इन्होंने 63 हजार वोटों से हराया है। डॉ. विजय सिंगला पेशे से दांतों के डॉक्टर हैं। उल्लेखनीय बात ये है कि इस सीट से सभी प्रमुख दलों के उम्मीद्वार पहली बार ही चुनाव लड़ रहे थे।

गुरमीत सिंह मीत हेयर

गुरमीत सिंह मीत हेयर (32 वर्षीय) बरनाला से दूसरी बार आम आदमी पार्टी के विधायक बने हैं। इस बार इन्होंने अकाली दल के कुलवंत सिंह को वहां से हराया है। चुनाव आयोग को दिये गये हलफ़नामे के अनुसार, उनकी आय के मुख्य स्रोत विधायक का वेतन और कृषि है। उन्होंने विवेकानंद प्रौद्योगिकी संस्थान से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। क़रीब एक दशक पहले वे आईएएस की तैयारी कर रहे थे और अन्ना हजारे आंदोलन के समय आम आदमी पार्टी में शामिल हो गये। वे अभी पंजाब में आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के अध्यक्ष हैं।

कुलदीप सिंह धालीवाल

दसवीं तक पढ़े कुलदीप सिंह धालीवाल (60 वर्षीय) अमृतसर ज़िले के जगदेव कलां गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने अजनाला सीट से जीत हासिल की है। इनके खिलाफ़ इस सीट पर कांग्रेस के हरप्रताप सिंह अजनाला और पंजाब लोक कांग्रेस के सुरजीत सिंह खड़े थे। कुलदीप सिंह का परिवार कांग्रेस का सदस्य रह चुका है।

लालजीत सिंह भुल्लर

बारहवीं तक पढ़े और माझा क्षेत्र से आने वाले लालजीत सिंह भुल्लर (40 वर्षीय)पट्टी के रहने वाले हैं। ये पट्टी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गये हैं। इनका मुक़ाबला कांग्रेस के हरमिंदर सिंह और पंजाब लोक कांग्रेस के जसकरन गिल से था।

ब्रह्मशंकर

बारहवीं तक पढ़े ब्रह्मशंकर (56 वर्षीय) होशियारपुर के रहने वाले हैं , इन्होंने होशियारपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज़ की है। इस सीट पर इन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उद्योग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ को तेरह हजार से अधिक वोटों से हराया है। ये भी पहले कांग्रेसी थे।

लाल चंद कटारुचक

दसवीं तक पढ़े लाल चंद (51 वर्षीय) पठानकोट के कटारुचक गांव के रहने वाले हैं , इन्होंने भोआ विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। इन्होंने कांग्रेस के जोगिंदर पाल को बारह सौ से अधिक वोटों से हराया है। चुनाव आयोग को दी जानकारी में उन्होंने बताया है कि उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है। हलफ़नामे के अनुसार वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उनकी कोई आय नहीं है।

हरजोत सिंह बैंस

हरजोत सिंह बैंस (31 वर्षीय) रूपनगर जिले के गंभीरपुर गांव के रहने वाले हैं। इन्होंने आम आदमी पार्टी की ओर से आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है। उनके खिलाफ़ कांग्रेस के कंवर पाल सिंह और बीजेपी के डॉ. परमिंदर शर्मा खड़े थे। हरजोत सिंह पेशे से वकील हैं और इन्होंने बीए एलएलबी की पढ़ाई की है। ये मान कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री हैं। पिछली बार आम आदमी पार्टी के ही टिकट पर चुनाव हार गये थे।

इलेक्ट्रिकल दुकान में चोरी के मामले में मानिकपुर पुलिस की त्वरित कार्यवाही, रिपोर्ट के 72 घंटे के भीतर चोरी का सम्पूर्ण मशरुका बरामद.

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इलेक्ट्रिकल दुकान में सामानों की चोरी करने वाले आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं–

  1. दिनेश चौहान पिता फिरतू राम चौहान उम्र 21 वर्ष सा0 आजाद चौक मुड़ापार–चौकी मानिकपुर थाना कोतवाली
  2. .बलराम निषाद पिता स्वर्गीय मन्नू निषाद उम्र 20 वर्ष पता– निषाद मोहल्ला मुड़ापार चौकी मानिकपुर
  3. मानिकपुर चौकी जिला कोरबा

रिपोर्टर– जावेद अली आजाद

कोरबा ब्यूरो (अमर स्तंभ)। मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार हैं कि दिनांक17.03.2022 को प्रार्थी नंदलाल श्रीवास पिता द्वारिका प्रसाद श्रीवास उम्र- 47 वर्ष सा0 मुड़ापार शांति विहार चौकी मानिकपुर थाना कोतवाली जिला कोरबा का चौकी उपस्थित आकर लिखित आवेदन प्रस्तुत कर प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराया कि इसकी मुड़ापार एसएस मार्ट के पास गोपाल इलेक्ट्रिकल्स नाम से मोटर रिपेयरिंग की दुकान हैं, जिसमें ग्राहको का पुराना इलेक्ट्रिकल सामान की रिपेयररिंग का काम करता है।

दिनांक 15.03.2022 के रात 08.00 बजे के आसपास दुकान बंद करके अपने घर चला गया दुसरे दिन दिनांक 16.03.2022 के सुबह 09.30 बजे के मध्य दुकान आया और ताला खोलकर अंदर जाकर देखा तो दुकान के अंदर आंगन में रखा सामान कम लग रहा था जो समान का मिलान करने पर पता चला कि इसके दुकान की दीवाल को कोई अज्ञात व्यक्ति फांद कर अंदर प्रवेश कर पुराना
इस्तेमाली सामान 01. एक पुराना इस्तेमाली मोटर पंप का स्टेटर, 02. एक मोनो ब्लाक, 03. केसर पंप का स्टेटर, 04. आईल कोल्ड किलोस्कर स्टेटर, 05. तांबा का टेयर दो बंडल, 06. 3 फेस वायर का केबल लम्बाई 15 मीटर को कुल कीमती 21,100 रूपये को चोरी कर ले गया है।

प्रार्थी की रिपोर्ट पर चौकी मानिकपुर में अपराध क्रमांक 273/2022 धारा 457, 380 भादवि. कायम कर पुलिस अधीक्षक कोरबा भोजराम पटेल,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरबा अभिषेक वर्मा व नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा योगेश साहू व थाना प्रभारी कोतवाली रामेंद्र सिंह को हालात से अवगत कराने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपियों की धरपकड़ हेतु निदेर्शित किया गया।

वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शनानुसार मानिकपुर पुलिस चौकी के स्टॉफ द्वारा लगातार तकनीकी साक्ष्य व स्थानीय सूचना तंत्र के सहयोग से अथक परिश्रम करते हुए आरोपी 01. दिनेश चौहान 02. बलराम निषाद के संयुक्त कब्जे से चोरी किए गये मशरूका का शत-प्रतिशत बरामद कर उक्त आरोपीयों को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के आदेशानुसार आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

उक्त कार्यवाही में चौकी प्रभारी मानिकपुर मयंक मिश्रा, प्रआर. रंजन देवांगन, आर. जयप्रकाश यादव, आर. आलोक टोप्पो, आर. अशोक पाटले, आर. वर्जुन दिव्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

नगला बरी में धूमधाम से मनाया होली का त्यौहार

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किशनी/मैनपुरी।क्षेत्र के ग्राम नगला बरी में होली पर शनिवार के दिन सुबह से दोपहर तक जहां रंगों से होली खेली गई वही दोपहर बाद लोग एक दूसरे को अबीर लगाकर गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दी।जैसा कि होली रंगों की मस्ती और हुडदंग का त्यौहार है।इसी क्रम में नगला बरी मे एक ऐसी होली खेली जाती है वैसी होली का नजारा शायद ही कही और देखने को मिलता हो।ये होली सबसे अनोखी है क्योंकि यहाँ पर खेली जाने वाली होली के रंगों का शुरू होली खेलने वालो पर कुछ ऐसा सवार होता है कि लोग रंग लगाते लगाते एक दूसरे के कपडे ही फाड़ देते है लेकिन जरा होली की मस्ती देखिये की लोग इसका जरा सा भी बुरा नहीं मानते।और उसके बाद शुरू होता है डीजे की धुनों पर नाचने का सिलसिला जो दोपहर दो बजे तक नानस्टाप चलता रहता है। लोग एक दूसरे के ऊपर रंग और गुलाल की बारिश करते है और ऊपर से चारों और से रंगों की बौछार सोने में सुहागा का काम करती है। ऊपर लटके तारों पर जब नजर आती है तो लोगों के फटे कपडे टंगे नजर आते है और नीचे देखिये तो अर्धनग्न लोगों के ऊपर रंग का शुरूर अपने चरम पर होता है। गाव नगला बरी के पुल से लेकर श्री अभयराम महाराज जी के मन्दिर तक ओर पूरे गांव के चारो तरफ होने वाली ये कपडा फाड़ होली बरसों से होती आ रही है। होली के पहले दिन जहां युवाओं ने रंग और अबीर से जमकर होली खेली। वहीं दूसरे दिन सुबह होते ही कपड़ा फाड़ होली खेलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। यहां बरसों से होली दो दिन तक मनाई जाती है।एक बात गौर करने वाली बात यह है कि राह चलते किसी भी राहगीर को परेशान नहीं किया जाता है।यही कारण है कि दूर दराज से भी लोग गांव की ऐतिहासिक होली देखने वालों की भीड़ जमा हो जाती है।यह अलग बात है कि यदि होलिहारों के किसी परिचय का दिख जाता तो उसे जरूर होली की याद करा देते हैं।जिसे देखकर लोग होली के आनंद में आनंदित हो उठते हैं।ओर होली के हुडदंग मे विजयपाल यादव ,व्रजराज मास्टर साहब, मुकेश यादव, अनिल यादव, व्रजेश,मनोज ,सौरभ, गोतम ,कश्मीर,करू आढती, शीलेश, रामू आदि लोग मौजूद रहे।इसी क्रम में होली के दिन ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों ने जमकर होली खेली जिसमें युवा पुरुष और महिलाएं शामिल हैं पुरानी परंपरा को निभाते हुए युवा भी एक दूसरे के घर जाकर होली का त्यौहार मनाते हैं होली गीत गाते हैं और गुजिया का आनंद उठाते हैं।